ऑस्ट्रेलिया के एक शीर्ष दूत ने मंगलवार को कहा कि उनका देश भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर महत्वाकांक्षी है और वह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय देशों में साथ मिलकर और काम करने का इच्छुक है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के पास द्वीप यी देशों का समर्थन करने में पूरक ज्ञान और ताकत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चीन बड़े सैन्य ढांचे का निर्माण कर रहा है।
भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया और भारत एक दृष्टिकोण साझा करते हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जहां छोटे-बड़े सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाता है, जहां देश बिना किसी दबाव के निर्णय ले सकते हैं।’ ग्रीन यहां ‘कोलकाता डायलॉग- ऑस्ट्रेलिया एंड इंडिया: वर्किंग टुगेदर टू बिल्ड आइलैंड स्टेट रेजिलिएंस’ कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसका आयोजन ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट ने भारत के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर किया था।
उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ हमारे संबंधों को लेकर महत्वाकांक्षी है। हमारा मानना है कि भारत और प्रशांत द्वीप समूह दोनों में एक साथ और अधिक करने के लिए हमारे पास जबरदस्त क्षमता है।’
फिलिप ग्रीन ने कहा, ऑस्ट्रेलिया चीन के साथ जुड़ाव को महत्व देता है। चीन का लगभग सभी पड़ोसियों के साथ समुद्री और भूमि सीमाओं पर विवाद है। जिसमें दक्षिण चीन सागर भी शामिल है, जो ऑस्ट्रेलिया के लिए विशेष रुचि का क्षेत्र है।
ग्रीन यहां भारत के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के साथ साझेदारी में ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित कोलकाता डायलॉग-ऑस्ट्रेलिया और भारत: वर्किंग टुगेदर टू बिल्ड आइलैंड स्टेट रेजिलिएंस’ में बोल रहे थे।
कोलकाता डायलॉग मंगलवार को नई दिल्ली में शुरू हुए दो दिवसीय 13वें इंडो-पैसिफिक सेना प्रमुखों के सम्मेलन के रूप में हो रहा है।